स्टॉक स्प्लिट क्या है?
स्टॉक स्प्लिट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कंपनी अपने मौद्रिक संपत्ति को विभाजित करके शेयरों की संख्या बढ़ाती है, जिससे प्रति शेयर का मूल्य घटित हो जाता है। यह आमतौर पर निर्धारित अनुप्रयोगों के साथ किया जाता है ताकि स्टॉक का मूल्य उच्च लगे और छोटे निवेशक भी स्टॉक में निवेश कर सकें। इसका प्रमुख उद्देश्य स्टॉक को अधिक प्रतिभागीयों के बीच बाँटना है, जिससे निवेशकों को अधिक लोगों के साथ भागीदारी का अवसर मिले।
स्टॉक स्प्लिट का कारण:
- लोगिस्टिकल सुधार: स्टॉक स्प्लिट का मुख्य कारण लोगिस्टिकल होता है। एक उच्च मूल्य वाले स्टॉक को छोटे निवेशकों के बीच वितरित करने में कठिनाई हो सकती है, जो एक स्टॉक स्प्लिट के माध्यम से ठीक हो जाती है।
- नीति का अनुकरण: कुछ कंपनियां अपनी स्टॉक मौद्रिक को बनाए रखने और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए स्टॉक स्प्लिट की नीति अपनाती हैं।
- नए निवेशकों को आकर्षित करना: स्टॉक स्प्लिट एक कंपनी को नए निवेशकों को आकर्षित करने का एक तरीका हो सकता है, क्योंकि इससे स्टॉक का मूल्य अधिक छोटे निवेशकों के लिए सुलभ हो जाता है।
स्टॉक स्प्लिट के प्रकार:
- पूर्णांक स्प्लिट: इसमें हर निवेशक को एक से ज्यादा नए शेयर मिलते हैं, जैसे कि 2:1, 3:1 इत्यादि।
- अंशांक स्प्लिट: इसमें निवेशकों को एक नए शेयर के लिए अंशांक मिलता है, जैसे कि 3:2, 5:4 इत्यादि।
स्टॉक स्प्लिट के प्रभाव:
- अधिसूचना: स्टॉक स्प्लिट की घोषणा बाजार में बड़ा घटना होती है और यह निवेशकों के बीच उत्साह और आत्म-विश्वास को बढ़ा सकती है।
- मूल्य घटना: स्टॉक स्प्लिट के बाद, प्रति शेयर का मूल्य कम हो जाता है, जिससे शेयरों को और भी आकर्षक बनाया जाता है।
- लोगिस्टिकल सुधार: स्टॉक स्प्लिट ने वित्तीय लोगिस्टिक्स को सुधारने में मदद कर सकता है, जिससे शेयरों की खरीद-बिक्री में बढ़ोतरी हो सकती है।
निष्कर्ष:
स्टॉक स्प्लिट एक सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण वित्तीय प्रक्रिया है जो निवेशकों को बाजार में बेहतर पहुंचने में मदद करती है। यह न केवल नए निवेशकों को आकर्षित करने में मदद करता है, बल्कि उच्च मूल्य वाले स्टॉक्स को छोटे निवेशकों के लिए भी सुलभ बनाता है। इसके प्रभाव को समझकर निवेशक बाजार में सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँच सकते हैं।